भगवान की तुरंत प्रगट रहने की जरूरत क्यों.. क्या अत्याचार इतना बढ़ गया है..
भगवान कलियुग के अंत में मत आना.. अभी प्रगट रह. मेरा है इसलिए प्रगट रह.. इसलिए मत प्रगट होना की अत्याचार बढ गया है.. इसलिए मत प्रगट होना की अनाचार बढ़ गया है..तेरा और मेरा रिलेशन अत्याचार और अनाचार की भूमि पर नहीं खड़ा है.. की अत्याचार बढ़ जाएगा तो तू आ जाएगा.. अत्याचार बढेगा तो तुझे बुलाऊंगा.. तू मेरा है तू मेरा प्राणपति है.. तू मेरी सांसो का आधार है.. तू सारे जगत का आधार है.. हर कण का आधार है.. हर कण का वजूद तेरे कारण हैं.. भगवान तुझे मैं हर चीज के लिए आवाज देता हूँ इस चीज के लिए भी एक आवाज देता हूँ.. एक मुर्खता भरी आवाज देता हूँ.. भगवान प्लीज तुरंत प्रगट होवो..